Richest people in delhi
दिल्ली दिलदार लोगों के लिए है, लेकिन दिल्ली अमीर लोगों के लिए भी है। हम आपको दिल्आली के सबसे अम्पमेर लोगों के बारे में बताने जा रहे है, आपके लिए यह जानना ज़रूरी है कि दिल्ली के 10 सबसे अमीर लोग सबसे अमीर क्यों हैं। क्योंकि जब आप जानेंगे कि ये 10 अमीर लोग कितना कमाते हैं और किस तरह का बिजनेस करते हैं तो आप भी प्रेरित होंगे और आप भी अपने जीवन में कुछ करने के लिए मजबूर हो जायेंगे।दिल्ली एक ऐसा राज्य है जहाँ कई अरबपति रहते हैं। दिल्ली में इतने अमीर लोग हैं कि आपको अक्सर दिल्ली की पॉश कॉलोनियों में महंगी गाड़ियाँ खड़ी दिख जाएँगी। एक सर्वे के मुताबिक दिल्ली राज्य हर साल केंद्र सरकार को 2,958 अरब रुपए टैक्स देता हैइस तरह हम दिल्ली के बिजनेस टाइकून के बारे में जानते हैं और जानते हैं कि वे दिल्ली में क्यों रहना पसंद करते हैं। दिल्ली में रहने का सबसे बड़ा कारण यह है कि आप चाहे कोई भी कंपनी चुनें, हर कंपनी का हेड ऑफिस दिल्ली में ही होता है। दिल्ली भारत की राजधानी है और भारत से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। दिल्ली में रहने का दूसरा कारण यह है कि दिल्ली एक पावर हब है। क्योंकि हमारे प्रधानमंत्री, हमारे कैबिनेट मंत्री, हमारे सभी प्रमुख राजनेता दिल्ली में रहते हैं। सरकार दिल्ली से चलती है। इसलिए अगर व्यापारी भी दिल्ली में रहते हैं, तो उनके लिए कई चीजें आसान और सुविधाजनक हो जाती हैं।
Shiv Nadar
शिव नादर की नेटवर्थ 1,41,700 करोड़ रुपये है। उनका नाम शिव नादर है और वे HCL Technologies के प्रमुख हैं। HCL का नाम किसने नहीं सुना? शिव नादर HCL Technologies के संस्थापक हैं और चीफ स्ट्रैटेजी ऑफिसर भी हैं, और एचसीएल टेक्नोलॉजीज। हिंदुस्तान कंप्यूटर्स लिमिटेड एक छोटी सी कंपनी थी जिसकी शुरुआत 1976 में हुई थी। यह एक ऐसी कंपनी थी जो छोटे कैलकुलेटर और माइक्रोफोन बनाती थी। आज यह कंपनी दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी सॉफ्टवेयर सर्विस देने वाली कंपनी है। वैसे आपको बता दें कि शिव नादर दिल्ली के रहने वाले एक बिजनेसमैन हैं और वह दिल्ली के सबसे अमीर लोगों में से एक हैं।
Rajiv Singh
राजीव सिंह की नेटवर्थ 32,800 करोड़ है। इनकी नेटवर्थ 32,800 करोड़ है, वैसे आपको बता दें कि राजीव को 2020 में DLF का चेयरमैन नियुक्त किया गया था। DLF का नाम कौन नहीं जानता? जब भी आप दिल्ली या गुड़गांव जाएंगे, तो आपको DLF के ऑफिस, DLF की बिल्डिंग और हर जगह DLF का नाम मिलेगा। DLF का पूरा नाम दिल्ली लैंड एंड फाइनेंस कंपनी है। DLF एक रियल एस्टेट डेवलपमेंट कंपनी है जिसका जन्म 1946 में हुआ था। राजीव को 1999 में वाइस चेयरमैन नियुक्त किया गया था। राजीव ने 1999 में DLF में अपना सफ़र शुरू किया था। अपनी लगातार मेहनत, अच्छे फ़ैसलों और रणनीतिक दिमाग़ की वजह से आज वे DLF ग्रुप के चेयरमैन बन चुके हैं। उन्होंने सिर्फ़ मैकेनिकल इंजीनियरिंग की डिग्री ली थी और फिर DLF फ़र्म से जुड़ गए। आज वे इस मुकाम पर पहुँच चुके हैं कि हम उन्हें दिल्ली का दूसरा सबसे अमीर आदमी कहा जा रहा है।
Vikram Lal
विक्रम लाल की संपत्ति 30,600 करोड़ रुपए है, अगर आप विक्रम लाल के नाम से परिचित नहीं हैं तो आप Royal Enfield Motorbike के नाम से जरूर परिचित होंगे। आपको बता दूं कि रॉयल एनफील्ड मोटरबाइक भारत में बनती हैं विक्रम लाल Eicher Motors के संस्थापक हैं। आपको बता दें कि विक्रम लाल के पिता कमर्शियल मोटर वाहन बनाते थे। विक्रम लाल अपने पिता के व्यवसाय में शामिल हो गए लेकिन उन्होंने कहा कि Eicher कंपनी को कमर्शियल वाहन भी बनाने चाहिए जिन्हें हम आमतौर पर कंपनी के इस्तेमाल के लिए इस्तेमाल करते हैं। फिर उन्होंने रॉयल एनफील्ड मोटरसाइकिल बनाने का व्यवसाय शुरू किया। भारत में 3 से ज्यादा फैक्ट्रियां खुल चुकी हैं जहां यह रॉयल एनफील्ड मोटरबाइक बनती है और औसतन एक साल में 7 लाख रॉयल एनफील्ड मोटरसाइकिल बिकती हैं यह संख्या हर साल बढ़ रही है कहा जाता है कि अगर भारत की शान कोई मोटरबाइक है तो वह रॉयल एनफील्ड है दरअसल आजकल हर लड़का इसका सपना देखता है बाइक चलाने वाली लड़कियाँ भी रॉयल एनफील्ड मोटरसाइकिल खरीदने का सपना देखती हैं। इसलिए यह कंपनी इतनी मशहूर है, ये बहुत ही बेहतरीन बाइक बनाती है। इसलिए इनकी गिनती दिल्ली के सबसे अमीर लोगों में होती है|
Ravi Jaypuriya
रवि जयपुरिया जिनकी नेटवर्थ 25,700 करोड़ है, रवि जयपुरिया को भारत का कोयला किंग भी कहा जाता है। वे आर.जे कॉर्प के चेयरमैन हैं और उनकी वरुण बेवरेजेज नाम की एक और कंपनी भी है। वे बड़ी कंपनी पेप्सिको के दूसरे सबसे बड़े बॉटलिंग पार्टनर हैं। तो आप समझ ही गए होंगे कि पेप्सिको का पैकेजिंग पार्टनर ही सबसे ज़्यादा पैसे कमाता है। उन्होंने यूनाइटेड स्टेट्स ऑफ़ अमेरिका से मैनेजमेंट का कोर्स किया है। वे अपने पारिवारिक व्यवसाय से जुड़ गए जो बॉटलिंग का व्यवसाय था। और आपको बता दूँ कि उन्हें अमेरिका के राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश से बॉटल ऑफ़ द ईयर का पुरस्कार भी मिल चुका है।
Sunil Mittal
सुनील मित्तल जिनकी कुल संपत्ति 25,500 करोड़ है, सुनील मित्तल दिल्ली के सबसे अमीर लोगों में से एक हैं और वे भारती एंटरप्राइजेज के संस्थापक और अध्यक्ष हैं। आपने Airtel का नाम तो सुना ही होगा। चाहे मोबाइल हो, टीवी कनेक्शन हो या इंटरनेट। भारती एंटरप्राइजेज का एक बड़ा ब्रांड है भारती एयरटेल। आपको बता दें कि एयरटेल भारत की दूसरी सबसे बड़ी सर्विस प्रोवाइडर है और 400 मिलियन से ज़्यादा ग्राहक एयरटेल के हैं आपको बता दें कि सुनील मित्तल लंबे समय तक फोर्ब्स इंडिया के सबसे अमीर व्यक्ति रहे हैं और 2007 में उन्हें पद्म भूषण पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
Vijay Sharma
आपने पेटीएम के बारे में ज़रूर सुना होगा। पेटीएम करो, दिल्ली कॉलेज ऑफ़ इंजीनियरिंग से इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने वाले विजय शर्मा अब PayTM के CEO यानी चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर हैं। 2000 में उन्होंने197 कम्युनिकेशंस नाम से यह कंपनी खोली। मूल रूप से 197 कम्युनिकेशंस PayTM की पैरेंट कंपनी है। उन्होंने भारत में पैसे देने और लेने के तरीके में क्रांति ला दी। जी हाँ, जब PayTM का कॉन्सेप्ट आया तो लोगों को पता भी नहीं था। कि कैश, डेबिट या क्रेडिट कार्ड के अलावा भी पेमेंट का एक तरीका हो सकता है, डिजिटल पेमेंट जिसे PayTM कहते हैं। उन्होंने इस टैगलाइन का खूब प्रचार किया कि पेटीएम होना चाहिए, उन्होंने भारत में भुगतान के तरीके में क्रांति ला दी और जैसा कि हम सभी जानते हैं कि जैसे ही कोविड-19 महामारी आई, पेटीएम के दिन बदल गए। सब्जी वाले से लेकर दूध वाले तक सभी ने पेटीएम लेना शुरू कर दिया|
Anand Burman
आनंद बर्मन जिनकी कुल संपत्ति 22,400 करोड़ रुपये है, आनंद बर्मन एक प्रमुख व्यवसायी और डाबर इंडिया लिमिटेड के अध्यक्ष हैं। डाबर? डाबर के बारे में किसने नहीं सुना है? डाबर का टूथपेस्ट, डाबर का शहद, सभी प्राकृतिक उत्पाद डाबर द्वारा निर्मित हैं। और हम डाबर चवनप्राश को कैसे भूल सकते हैं, जो बचपन में हमारी माँ हमेशा हमें खिलाती थी? आनंद 1980 में डाबर के पारिवारिक व्यवसाय में शामिल हुए।जैसा कि आप जानते हैं, डाबर भारत में एक प्रमुख ब्रांड है और उनकी कंपनी FMCG उत्पाद बनाती है जिसका मतलब है कि Fast Moving Consumer Goods अगर हम डाबर कंपनी के बारे में बात करते हैं, तो यह एक बहुत ही स्थिर कंपनी है। लोग इस ब्रांड पर बहुत भरोसा करते हैं और यह भारत के प्रमुख ब्रांडों में प्रसिद्ध है। आनंद ने यूनिवर्सिटी ऑफ़ कैनसस से फार्मास्युटिकल केमिस्ट्री में डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की है। वह बहुत प्रतिभाशाली व्यक्ति हैं।
Pawan Munjal
पवन मुंजाल की कुल संपत्ति 22,000 है। पवन मुंजाल हीरोकॉप के प्रमुख हैं। पवन मुंजाल HeroMotoCop के चेयरमैन, मैनेजिंग डायरेक्टर और CEO हैं। जैसा कि आप जानते हैं Hero Moto Cop भारतीय लोगों के लिए किफ़ायती मोटरसाइकिल बनाती है। हीरो एक बहुत मशहूर ब्रांड है। आपने टीवी पर हीरो का विज्ञापन देखा होगा। जैसा कि आप जानते हैं Hero पहले Hero Honda Motors थी। जब Hero Honda Motors पहली बार बनी थी, तब पवन मुंजाल इस कंपनी से जुड़े थे। उसके बाद उन्होंने इस कंपनी को आगे बढ़ाना शुरू किया और अब यह कंपनी Hero Moto Cop बन गई है। आज अगर Hero Moto Cop की बात करें तो यह बहुत सारे उत्पाद और सेवाएँ प्रदान करती है। यह सभी भारतीयों के लिए किफ़ायती और अच्छी गुणवत्ता वाली है।
Kuleep Singh Dhingra
कुलदीप सिंह ढींगरा जिनकी कुल संपत्ति करीब 19,800 करोड़ रुपए है। बर्जर पेंट्स के बारे में किसने नहीं सुना होगा? कुलदीप सिंह बर्जर पेंट्स के चेयरमैन हैं। जी हाँ, जब भी किसी को अपने घर की पेंटिंग करवानी होती है, खासकर दिवाली के आसपास, तो लोग सिर्फ़ 2 या 3 पेंट कंपनियों पर ही भरोसा करते हैं। इनमें से एक है Asian Paints और दूसरी है Berger Paints, कुलदीप सिंह ने 1991 में अपने भाई के साथ बर्जर पेंट्स की शुरुआत की थी. और एक Interesting Fact ये है कि कुलदीप सिंह ने बर्जर पेंट्स को Vijay Mallya से खरीदा था. वे हमेशा कहते हैं कि पेंट उनका खानदानी बिज़नेस है. क्योंकि उनके दादा भी अमृतसर में थे. वे पेंट का कारोबार करते थे, इसलिए पेंट का कारोबार उनके खून में है. उन्होंने विजय माल्या से यह कारोबार खरीदा.और उन्होंने इसे सफलतापूर्वक चलाया, और आज वे दिल्ली के सबसे अमीर लोगों में से एक हैं|
V.C Burman
वीसी बर्मनजी की कुल संपत्ति 17,000 करोड़ रुपये है. जब मैं ये संख्याएँ कहता हूँ, तो मुझे लगता है कि इन्हें कमाने में कितना समय लगेगा. लेकिन सच्चाई यह है कि आप जितनी जल्दी अपना कारोबार शुरू करेंगे, उतनी ही जल्दी आप पैसे कमाएँगे और दुनिया के सबसे अमीर लोगों में से एक बन जाएँगे, आपको बता दें, वी.सी बर्मन यानी विवेक चंद बर्मन डाबर कंपनी के सबसे पुराने सदस्यों में से एक हैं। वे डाबर इंडिया लिमिटेड के पूर्व अध्यक्ष हैं। वे 1954 में कंपनी से जुड़े और 1998 में उन्हें अध्यक्ष नियुक्त किया गया। उन्होंने इस कंपनी को बनाने के लिए कड़ी मेहनत की लेकिन स्वास्थ्य समस्याओं के कारण वे Retired हो गए। फिर उन्होंने कंपनी अपने भतीजे आनंद बर्मन को दे दी, जिनका नाम हमने आपको पहले भी बताया था।